Modi v.s Trump's tariff's : विदेश मंत्रालय की सफाई, भारत-अमेरिका संबंधों पर नहीं पड़ेगा असर

नई दिल्ली | 4 अगस्त 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हालिया बयानबाज़ी ने अंतरराष्ट्रीय हलकों में हलचल मचा दी है। सोशल मीडिया और वैश्विक मीडिया में चर्चा तेज होने के बाद भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने सोमवार को आधिकारिक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि भारत-अमेरिका के रणनीतिक संबंध मजबूत हैं और किसी भी व्यक्तिगत बयान से द्विपक्षीय रिश्तों पर असर नहीं पड़ेगा।

Mea Modi v.s Trump's tariff's


डोनाल्ड ट्रंप ने बीते हफ्ते एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि "मोदी अपने फायदे के लिए अमेरिका का इस्तेमाल करते हैं और जब बात चीन की होती है तो चुप्पी साध लेते हैं।" इसके जवाब में मोदी ने बिना ट्रंप का नाम लिए एक जनसभा में कहा, "भारत अब किसी के इशारे पर नहीं चलता। हमारी विदेश नीति आत्मनिर्भर भारत की सोच पर आधारित है।"

MEA की ओर से क्या कहा गया?
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणदीप कुमार ने कहा, “भारत और अमेरिका के रिश्ते बहुआयामी हैं। दोनों देश लोकतांत्रिक मूल्यों, व्यापारिक सहयोग, रक्षा और टेक्नोलॉजी साझेदारी में गहराई से जुड़े हैं। किसी भी पूर्व नेता की व्यक्तिगत राय इन संबंधों की स्थिरता को प्रभावित नहीं कर सकती।”

उन्होंने आगे कहा, “प्रधानमंत्री मोदी का विदेश नीति को लेकर दृष्टिकोण पूरी तरह राष्ट्रहित पर केंद्रित है। अमेरिका के साथ हमारी रणनीतिक साझेदारी बीते वर्षों में और मजबूत हुई है, चाहे वह QUAD हो या रक्षा क्षेत्र में सहयोग।”

राजनीतिक विश्लेषकों की क्या राय है?
विदेश नीति विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के बयान का मकसद अमेरिकी चुनावी राजनीति को प्रभावित करना है। वरिष्ठ विश्लेषक सुहासिनी हैदर के अनुसार, "ट्रंप मोदी को लक्ष्य बनाकर भारतीय-अमेरिकी वोटर्स में धार पैदा करना चाहते हैं, लेकिन यह रणनीति उलटी भी पड़ सकती है।"

निष्कर्ष
हालांकि यह वाक्युद्ध वैश्विक सुर्खियां बटोर रहा है, लेकिन भारत की ओर से दिए गए संतुलित और कूटनीतिक जवाब से स्पष्ट है कि मोदी सरकार किसी भी उकसावे पर भावनात्मक प्रतिक्रिया देने के बजाय रणनीतिक संतुलन बनाए रखने में विश्वास रखती है।